रंगो को रंग बदलते देखा है☆×××
रंगो को रंग बदलते देखा है☆×××
हसीन सजी रंगीली
इस जहां मेें अपने
रंगो को रंंग बदलते
मैंने देखा है।
अहले सुबह का
वह गुलाबी बांकपन
ममत्व की छांव में
छम छम छलकते
झन झन मचलते
मैंने देखा है,
रंंगो को रंग बदलते
मैंने देखा है।
लाली से लाल चेहरे
फिर श्वेत नील रंगो को
अक्सर राहों में
धिन धिन थिरकते
पग पग उलझते
मैंने देखा है,
रंंगों को रंग बदलते
मैंने देखा है।
संघर्ष में दमकते
काले पीले रंंगो को,
सफलता में चमकते
रजत की श्वेत आभा को
स्वर्ण की सुनहली साया को
कभी कभी सिसकते
कभी मचल मचल झूमते
मैंने देखा है,
रंंगो को रंग बदलते
मैंने देखा है।
यात्रा अनंत की
सवारी पर सवार
और तब विलुप्त होती
हर रंगों के चमक को
सब रंगों की धमक को
कण कण बिखरते
धू धू धूँआ होते
मैंने देखा है,
रंंगो को रंग बदलते
मैंने देखा है