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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Classics

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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Classics

नशे में कौन ये

नशे में कौन ये

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वो जो किसी की सुनता नहीं 

वो जो किसी की सहता नहीं 

वो जो सभी का रहता नहीं 

वो जो किसी से डरता नहीं

नशे मे कौन है, ये तू बता !


जो सोचता है वो अजेय है 

जो समझता है वो प्रमेय है 

जो कहता है वो सदैव है 

जो कहता है वो देव है 

नशे मे कौन है, ये तू बता !


मुश्किल अगर सबको लगे 

बुझदिल अगर हमको लगे 

सुबह शाम की बात कर 

फिर भी ना वो सहचर बने 

नशे मे कौन है, ये तू बता !


जो वेश से समावेश हो 

जो देश से भवावेश हो 

पर दुख से अवशेष हो 

मानवता भी ना शेष हो 

नशे मे कौन है, ये तू बता !


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