नशे में कौन ये
नशे में कौन ये
वो जो किसी की सुनता नहीं
वो जो किसी की सहता नहीं
वो जो सभी का रहता नहीं
वो जो किसी से डरता नहीं
नशे मे कौन है, ये तू बता !
जो सोचता है वो अजेय है
जो समझता है वो प्रमेय है
जो कहता है वो सदैव है
जो कहता है वो देव है
नशे मे कौन है, ये तू बता !
मुश्किल अगर सबको लगे
बुझदिल अगर हमको लगे
सुबह शाम की बात कर
फिर भी ना वो सहचर बने
नशे मे कौन है, ये तू बता !
जो वेश से समावेश हो
जो देश से भवावेश हो
पर दुख से अवशेष हो
मानवता भी ना शेष हो
नशे मे कौन है, ये तू बता !