रणछोर नहीं रणवीर हूँ
रणछोर नहीं रणवीर हूँ
रणछोर नहीं रणवीर हूँ मैँ
अपनो की तकदीर हूँ मैँ
दुष्मन आये या दोस्त भगाये
ना कायर, पर गंभीर हूँ मैँ !
भागते तो वो शहजादे हैं
चम्मच सोने की मुह जिसके
हम तो ऐसे योद्धा ठहरे
जन जन की जागीर हूँ मैँ !
कोई कितना ताकतवर हो
हम पास नहीं आने देंगे
जब तक जीवन की आस मुझे
हर सांस की तहरीर हूँ मैँ !
ये सच् है साथ ना तू देगा
संसार की ऐसी रीति बनी
देखो सब मिलकर ये लीला
अपने देश की तस्वीर हूँ मैँ !!