ऐसा लगता
ऐसा लगता
ऐसा लगता है अब लकीर खींच गयी
ज़िन्दगी और तकदीर सचमुच भिंच गयी
कैसे बढ़े आगे जब जागीर बिक गयी
ऐसा सोचा ना कभी कि तासीर रिस गयी !
ऐसा लगता है अब लकीर खींच गयी
ज़िन्दगी और तकदीर सचमुच भिंच गयी
कैसे बढ़े आगे जब जागीर बिक गयी
ऐसा सोचा ना कभी कि तासीर रिस गयी !