सीख
सीख
सीख समय पे मिले, बने जन महान,
अच्छे बुरे की जग, करता है पहचान।
अच्छी सीख लेना, यही फर्ज हमारा,
चला गया जग से, आना नहीं दुबारा।।
सभी जानते है, अपने देते हैं धोखा,
बहुत लोग देखते रहते कोई मौका।
मेहनत करना सीख ले इस जगत में,
मेहनत की कमाई रंग लाती चौखा।।
मैंने कब कहा, दोस्त भी बुरे होते हैं,
दोस्ती के मारे कितने ही लोग रोते हैं।
दोस्ती कर ली तो निभाना भी सीखो,
कुछ लोग दोस्ती में, दुश्मनी बोते हैं।।
कहते जिंदगी जी लो, खुशी भर संसार,
अच्छा जीवन जीये, मिले जहां में प्यार।
जिंदगी कठिन डगर है, सीख ले आज,
मत भूल कभी जिंदगी मिली है उधार।।
डूबते जन को कभी, किनारा नहीं मिलता,
रात के अंधेरा में कभी, सूरज ना खिलता।
वक्त से डरकर रहना सीख लो ऐ मानव,
ठोकर मारने से कभी, पर्वत नहीं हिलता।।
डूबती सांसों को, कभी सहारा न मिलता,
युद्ध मैदान में तो, कोई प्यारा नहीं मिलता।
पर हिम्मत नहीं हारना अभी से सीख लो,
कांटों के दर्द पर, इक सुंदर फूल खिलता।।
देर हो रही है, अब तो कर लेना है तैयारी,
परीक्षा सिर पर है, कहां अक्ल है मारी।
समय पर सीख लेता जो, वहीं होता महान,
शिक्षा पा लेनी है, बनना नहीं है व्यापारी।।
राजनीति को सीखते, कहलाते जगत नेता,
वोट पाने की खातिर, मधुर वक्तव्य देता,
वादों से भरा मिले, करे पूरे मौखिक काम,
अपनी वाकपटुता बल, जनता वोट लेता।।
शर्म लिहाज घट गई, दुश्मनी पलती दिल,
जिसे देखो नाच रहा, प्रकृति बनी जटिल,
आंखें दिखाना सीख गये, आंखों में न शर्म,
व्यसनों में डूबे लोग, जी रहे हैं तिल तिल।।
भक्ति व भरोसा इतना रखो, जैसे गीत संगीत,
भक्ति भाव रख दिल में, दाता से जमकर प्रीत।
सदा साथ चलते रहते, ज्यों जीवन हार जीत,
एक बार सीख लेना, सुन लेना मन के मीत।।