STORYMIRROR

Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Inspirational

3  

Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Inspirational

ये नजरें ये नजारे

ये नजरें ये नजारे

1 min
186

ये नजरें ये नजारे 

मुस्कान तुम्हारी,

कहती हैं ये बतिया

सरे शाम हमारी 

सुन लो, ज़रा देखो 

संभाल के हमको,

मर जाऊं ना कहीं 

कत्लेआम हो यारी !


जिनसे भी दिल मिला,

गुलज़ार हो गये वो, 

जब से ये गुल खिला 

जार जार हो गये वो,

मैं तो राह तक टक 

छोड़ आया था उनको,

वो ही रास्ता भूल गये 

बीमार हो गये वो !


कब तक उन्हें निहारूं 

बेदाग नहीं हैं वो ,

ये दाग धोते धोते 

लाचार हो गये वो !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action