वायु योद्धा
वायु योद्धा


सूरज की उगती सुनहरी किरणों के साथ वायु की लहरों पे सवार निकल पड़ते हैं वायु-योद्धा हर सुबहअपने मिशन पर।
नील गगन में देश की रक्षा के लियेजान हथेली पे ले घूमते आसमान की ऊँचाइयाँ चूमतेतैयार हर पल शत्रु को परास्त करने उड़ते रहते भारत के अंबर पर।
अपने तन पर एक वायुयान लपेटेसैकड़ों गोलियाँ उस में समेटेबॉम्ब रॉकेट्स और अनेकों मिसाइलेंशत्रु दिखे तो उसे दहला दें।
पीछे छोड़ देते अपना परिवार
उनकी हंसी बच्चे के आँसूहर उड़ान में।
हर उस पल जब हों
आसमान में
बस वतन की रक्षा
है ये जज़्बा
बाकी कोई जज़्बात नहीं
वक़्त आने पे बन जाते हैं शत्रु के लिये"आसमानी मौत"।