ये मेरे देश की बात है ...
ये मेरे देश की बात है ...
जन्म मिला है कर्म करने को,
बेगारा नहीं मरने को
शहादत तोहफा है कुछ कर गुज़रने वालो की,
मिलावट नहीं तुम जैसे अधर्मियों के नियत की
भूल गए तुम ? ना जाने कितने खून बहे हैं
तब जाकर हम महफूज हुए हैं
मैं मुसाफिर हूँ बदलाव का,
मैं ना समर्थक हूँ अलगाव का
ना जाने कितने अफवाह उड़ी है,
तब जाकर हम जैसों की नींद खुली है
मैं प्रतिद्वन्दी नहीं तुम जैसे नाकारों का,
प्रतिबद्ध हूँ मैं तुम जैसों को जड़ से उखाड़ फेंकने को
<
/p>
ये मेरे अंदर की आवाज़ है जो ना रुकेगी
तुम्हारे लाख बतियाने से
लाशों की ढेर पर नींव रखने वालों,
तुम कैसे जानो वतन से प्यार मेरे यारों ?
मेरे देश का नमक खाने वाले नमक हरामों,
इतनी तकलीफ है तो चले
क्यों नहीं जाते अपने देश मेरे प्यारों ?
इस भूमि का क़र्ज़ है मुझ पर
जिसे चीख चीख मैं चिल्लाऊंगा
अब तुम्हारे घर की नहीं बात है
मेरे देश की जिसे मैं ना कभी सुलगाउँगा
अब संघर्ष की बारी दोबारा आयी है,
निर्णय की घड़ी दोबारा आयी है।