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Sumit Malhotra

Romance Action Classics

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Sumit Malhotra

Romance Action Classics

किस नाम से तुझे पुकारूँ ?

किस नाम से तुझे पुकारूँ ?

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इस दुनिया में है जीव कितने सारे,

इनमें कितनो को बुलाते है नाम से सारे।

नामों का सिलसिला है कितना न्यारा,

सोच भी नही सकते नामों का है इतना बड़ा पिटारा।


सोच-सोच कर हूं परेशान,

किस नाम से तुमको पुकारूँ,

दिल कहता है कि कंहू सनम

पर दिमाग कहे वीना पुकारूँ।


तू मेरे नवजीवन का विकास है,

तू ही तो मेरा प्यार व यार भी खास है।

मैं हूं सोच रहा ये बात आज,

इस मन रूपी आईने में अब किसे उतारूँ।


दिल कहता है कि कर दे ये काम आज,

तुझ पर सबकुछ धन-दौलत क्या

जिंदगी भी कुर्बान कर दूँ।


प्यार पाने को शादी रूपी तट पर खड़े सारे,

जिंदगी भी अनमोल है, इसकी कीमत समझो सारे।

आशा हमेशा चिराग जलाती,

निराशा बार-बार दिया बुझाती।


चाहता हूं तुम सपना बन आती रहो,

मैं सो जाऊँ कोई ऐसी धुन तुम गुनगुनाती रहो।

जागते हुए तुम होती हो साथ मेरे,

सपनों में भी तुम मुझे दुलारती रहो।


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