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Deepika Kumari

Action Inspirational

4.7  

Deepika Kumari

Action Inspirational

शब्द कम है

शब्द कम है

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छोड़ डर को कहीं पीछे 

मौत को मुट्ठी में लेकर 

चल दिए हो 

वीर तुम।


देश की रक्षा की खातिर 

मन में सच्ची भक्ति लेकर 

चल दिए हो 

धीर तुम।


दिल में तिरंगा बसाए 

हौसले बुलंद कर 

हो चले 

गंभीर तुम।


पर हो तुम भी एक मनुष्य 

एक बेटा, एक भाई ,एक प्रेमी 

हो किसी की आंखों का 

नीर तुम।


पर फर्क है तुममें और हममें 

होकर कितने भी ऊंचे 

तुम से नीचे थे, रहेंगे 

हम सामान्य विशिष्ट तुम।


तुम हो तो हम हैं सुखी 

जो तुम ना हो तो सहमें हम 

रक्षक हमारे हो तुम्हीं

हो निडर तुम।


शब्द कम है भाव इतने 

कर सके ना ये बयां

एहसान तेरा देश पर था और रहेगा 

देश का अभिमान तुम।


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