निश्चित
निश्चित
दान की लोभ पर
योग की रोग पर
संयोग की वियोग पर
विजय निश्चित है।
मंत्र की तंत्र पर
स्वतंत्र की परतंत्र पर
आदि की अंत पर
विजय निश्चित है।
अहिंसा की हिंसा पर
शिष्ट की अशिष्ट पर
संतोष की असंतोष पर
विजय निश्चित है।
धर्म की अधर्म पर
सत्कर्म की दुष्कर्म पर
सौभाग्य की दुर्भाग्य पर
विजय निश्चित है।
सत्य की असत्य पर
सज्जन की दुष्ट पर
सम्मान की अपमान पर
विजय निश्चित है।
पुण्य की पाप पर
प्रेम की घृणा पर
जीवन की मृत्यु पर
विजय निश्चित है।
न्याय की अन्याय पर
अनेकता की एकता पर
आशा की निराशा
पर विजय निश्चित है।
मित्रता की शत्रुता पर
दया की निर्दयता पर
समानता की असमानता पर
विजय निश्चित है।
विश्वास की संदेह पर
प्रकाश की अंधकार पर
सहयोग की षड्यंत्र पर
विजय निश्चित है।
सुख की दुख पर
लाभ की हानि पर
दिन की रात पर
विजय निश्चित है।
ज्ञान की अज्ञान पर
कल्याण की विनाश पर
सद्भाव की दुर्भाव पर
विजय निश्चित है ।
शांति की क्रांति पर
मुस्कान की अश्रु पर
निस्वार्थ की स्वार्थ पर
विजय निश्चित है।
देव की दानव पर
क्षमा की दंड पर
अमृत की गरल पर
विजय निश्चित है।
भक्ति की द्वेष पर
परिश्रम की आलस्य पर
वरदान की अभिशाप पर
विजय निश्चित है।