नादान
नादान
1 min
218
आदान प्रदान किया हमनें
नादान हमें बना दिया तुमने
बागों के फूलों से कोमल हम
नादान हुए जो बने माला हम ।
एक अकेला फूल खिला खिला लगता है
माला का घेरा एक जंजीर लगता है
सुंगध तो थी एक एक फूल में ही जनाब
पूरी माला जिसे अपनी समझने लगती है ।
नाराज़ नायक की आज जरा फिक्र करलों
जो राज है सहायक उसकी कद्र कर लो
यूं तो हर हाल में बेहाल मन रहता है
जो भी हो हाल पर फिलहाल इससे नादान हो लो।