मेरे हमसफ़र श्याम
मेरे हमसफ़र श्याम


जब से चाहकर तुम्हें जो मैंने देखा है
मेरा मन तब से महका महका है
हवाओं से आई खुशबू में तेरी महक है
मन है कहता मेरा श्याम मेरा नायक है।
जब से तुम्हें जानने की कोशिश की है
हर ओर तेरी छवि की ही छाई परछाई है
इन बादलों से बरसती जल की ये बूंदें
तेरे घनश्याम रूप की ही करूणाई है।
जब आती है श्याम तेरी याद
तब चली जाती है सारी मुस्कान
तुम्हें याद करके रहता हूं उदास
बना लो ना ! श्याम मुझे अपना दास।
एक लगाव तुमसे मेरा
तूम से बातें करने को चाहे जी मेरा
मेरे मन पर तब तनाव छा जाता
जब बातों में ना ना करें कोई तुम्हारी बात।
मेरा श्याम मेरे आसपास है
मुझे मेरे श्याम पर विश्वास है
मुश्किलें हजार सामने आये मेरे
मन है कहता मेरा श्याम मेरे साथ है।