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Babu Dhakar

Others

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Babu Dhakar

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कुछ बातें

कुछ बातें

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कुछ बातें निराली हैं

हर बार लगती नयी है

जो कह नहीं पाते जुबां से

वहीं बातें लिख दी जाती है ।

उनसे बातें करें तो क्या करें

जुबां पर बातें आ ही नहीं पाती है

कैसे हो से शुरू होकर ये बातें

क्या कर रहे हो पर खत्म हो जाती है

हैलो हैलो बार बार कहकर

कहते हैं कि आवाज नहीं आ रही है

हैलो हैलो तो बहाना है बातें चालु रखने का

पर असल में जुबां पर कोई बात नहीं आ पाती है ।

कुछ बातें निराली है

कुछ बातें अनकही है

जो अपनी बातें कहनी है

लगती ह

ै ये कोई कहानी है ।

जो अपनी बातें हैं

उन्हें अपने तक सीमित रखों

जो अपनी बातें कह दें आसानी से

उन्हें अपने दिल की बातें कहों ।

कुछ बातें निराली है

कुछ बातें रचती साजिश है

कुछ मिठी बातें चिकनी चुपडी

कर देती है बहुत बड़ी अनहोनी।

कुछ बातें निराली है

कुछ बातें डरावनी है

मुख से निकल जाने पर

मुख में वापस नहीं जाती है ।

कुछ बातें निराली है

हर बार लगती नयी है

जो कह नहीं पाते जुबां से

वहीं बातें लिख दी जाती है ।


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