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Babu Dhakar

Inspirational Others

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Babu Dhakar

Inspirational Others

हर बात में हमसफ़र

हर बात में हमसफ़र

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हर बात में हो जाती है तेरी बात

पर तुम मुलाकात नहीं करते हो

सामने है मेरे अनेक सवाल 

पर तुम जवाब नहीं देते हो 


आते जाते हैं तेरे द्वार के सामने होकर 

फिर भी तुम नज़र नहीं आते हो 

लग गयी है मुझे न जाने किसकी नज़र 

हर ओर नजर में सिर्फ तुम ही नज़र आते हो 


घर और बाहर में मेरे साथ तेरी बातें हैं

पर तेरी बातों में नहीं कहीं मेरी बातें

इन बातों में तेरी यादें है

पर तेरी यादों में है क्या कहीं मेरी कही बातें ।


इस तरह तेरे ख्यालों में मैं होता हूं

जिससे मैं रातों को सो नहीं पाता हूं

तूम हो कि चैन से सो जाते हो

पर मैं कितना बेचैन हूं यह नहीं जानते हो ।


राहों का सफर मेरा तेरे बगैर अधूरा है

तुम जब साथ नहीं तो मेरा सफ़र ही कैसा है

सफर में हमसफर सिर्फ तुम ही तो थे 

तेरे बिन सफर में हमसफ़र किसी को बनाऊं कैसे।


तुम थे जब

संग तो वक्त यूं ही बीत जाता था

पूरा दिन भी जैसे एक घंटे में गुजर जाता था 

अब अकेले एक घंटा भी पूरा दिन लगता है 

पर तेरे बिन रातों में बिन बातों के वक्त गुजरें कैसे ।


पहली ऐसी नजर नहीं थी कि तुमसे मिला लेते 

कहना भी नहीं हुआ कि मुलाकात कर लेते 

आंखों आंखों के इशारों में जो कुछ हो गया था 

काश ये इशारे अपने लिए कुछ करामात कर देते ।


हर ओर, और हर पल 

निगाहों में बसे तुम इस कदर 

हमें खबर भी नहीं हुई इधर 

और तुम न जाने चलें गये किधर 


कुछ रोष में मैं था और तुम भी थे कुछ क्रोध में 

प्यार था, पर नहीं थे हम होश में 

कुछ अदाओं से मदहोश करके 

तुम भर गये प्यार का जोश मुझमें।


हर बात में हो जाती है तेरी बात

कि तुम मुलाकात नहीं करते हो 

सामने है मेरे अनेक सवाल

पर तुम जवाब नहीं देते हो ।



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