उम्मीदें :
उम्मीदें :
जिंदगी की उम्र इतनी लंबी नहीं
की खुशियों को समेट लें
पर जिंदगी इतनी छोटी भी नहीं
की किसी का दर्द ना बांट लें
बीते कल के लम्हें तो यादें बन जायेंगी
आज को जी ले ऐ बंदे
ना जाने कल जिंदगी किस रंग में ढल जायेगी
वक़्त का क्या वक़्त ठहरता नहीं
तू वक़्त के साथ चल मंजिल मिल ही जायेगी
दिल में ख्वाहिशों को मचलने दे
ना जाने जिंदगी के किस मोड़ पे पूरी हो जायेगी
चेहरे पे मुस्कान बिखेरकर
उन एहसासों को गले लगा ले
ना जाने फिर कब सुकून मिल पायेगी
आंसुओ में भी थोड़ी खुशी ढूंढ ले जरा
क्या पता जिंदगी कब मुंह मोड़ जायेगी
जिंदगी को बेफिक्री से जी ले ऐ बंदे
जिंदगी का क्या मिट्टी से बनी मिट्टी में मिल जायेगी
जिंदगी है तो उम्मीदें हैं
उम्मीदें हैं तो हौसले हैं
हौसलों की डोर से
जिंदगी की कश्ती बढ़ती जायेगी !