रूहानी सा एहसास.....इश्क
रूहानी सा एहसास.....इश्क
इश्क की चाहत देखो
इश्क को इश्क हो जाए
गर तू रूह में समा जाए......
इश्क की डोर से बंध जाऊं
सजदा करूं, दुआओं की महफिल सजाऊं
फिजाओं के दिलकश नजारे और
ख्वाहिशों की बारिश में......
तेरी आहटों की आहट से इश्क कर जाऊं
स्याह रातों में तेरे नूर से रौशन हो जाऊं
रंगी तेरे इश्क में......
चांदनी बन तुझमें बिखर जाऊं......स्वाती

