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Rajeev Tripathi

Romance

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Rajeev Tripathi

Romance

बहुत दिन हुए

बहुत दिन हुए

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बहुत दिन हुए तुम्हें मुझसे कोई

शिकायत नहीं हुई

क्या मेरी मोहब्बत में कमी है कोई

इश्क़ जब परवान पर था मेरा तुम्हारा

रूठना और मनाना था मेरा तुम्हारा

ऐसी बात इन दिनों हुई ही नहीं 

बहुत दिन हुए तुम्हें मुझसे कोई

शिकायत नहीं हुई

लगता है बात दिल में रखने लगे हो

जुबानी जंग हमारे तुम्हारे

बीच में हुई ही नहीं 

बहुत दिन हुए तुम्हें मुझसे

कोई शिकायत नहीं हुई

तुम्हारा रूठना मेरा तुम्हारा

मनाना नहीं हुआ

लगता है इश्क़ की बात

अधूरी ही रही

तुम क्या हो क्या मैं यह नहीं

जान पाया

तुम आईने के सामने अब

सँवरती ही नहीं

कब तक यूँ मौन होकर रहोगी

बात दिल की दिल में ही रही

ज़ुबान तक आई ही नहीं

आईना देखकर तुम्हारा शरमाना

नहीं हुआ

मुस्कुराना तो जैसे तुम भूल ही गई

बहुत दिन हुए तुम्हें मुझसे कोई

शिकायत नहीं हुई

क्या मेरी मोहब्बत में कमी है कोई।


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