बेसहारा हूँ
बेसहारा हूँ
मोहब्बत में टूट कर,
बिखर गया है तू।
सौभाग्यशाली है या दुर्भाग्य तेरा,
खुद में सिमट गया है तू।।
जीवन के सूत्र से पीछे छूट गया है तू।
आज खुद से लिपट गया है तू।।
बेसहारा हूँ ,
मेरा सहारा है तू।
जीवन की सच्चाई का,
एक इशारा है तू।।
जिंदगी में डुबी कश्ती का,
एक किनारा है तू।।
बेदर्द दिल से ठुकराया गया है तू।
बेसहारा बेमौत मारा गया है तू।।
बेसहारा हूँ ,
मेरा सहारा है तू।
जीवन की सच्चाई का,
एक इशारा है तू।।
मोहब्बत में गवारा है तू।
उलफत में उनके सहारा है तू।।
मोहब्बत में उनके मुरत है तू।
बेबस बेसहारा का सहारा है तू।।
बेसहारा हूँ ,
मेरा सहारा है तू।
जीवन की सच्चाई का,
एक इशारा है तू।।
मोहब्बत में जिनके
कुतरे गए हो पर,
वो परिंदा है तू।
जख़्म दिल में खाकर,
ज़िन्दा है तू।।
परिंदा इम्ति़हान में है तू।
उड़ बताने को अभी जिंदा है तू।।
बेसहारा हूँ ,
मेरा सहारा है तू।
जीवन की सच्चाई का,
एक इशारा है तू।।

