Satya Narayan Kumar
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आत्मा तब भी थी
जब कुछ नहीं था।
आत्मा तब भी रहेगी
जब कुछ नहीं रहेगा।।
मैं आत्मा निरंतर
परमात्मा अर्थात् मेरे कान्हा।
मैं तेरी सेवा
में रहूंगा।।
तुम तब भी थे
तुम तब भी रहोगे
भाई का प्यार
रक्षाबंधन
रोग ऐसा: कोरो...
बेसहारा हूँ
क़यामत
जब ज़रूरी युद...
सपने
जल, प्रकृति औ...
माटी का तन
आत्मा