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Vaibhav Dubey

Romance

4  

Vaibhav Dubey

Romance

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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तेरा ही ज़िक्र यहाँ बार बार रहता है

तेरे ही प्यार में दिल बेकरार रहता है


मुझे ख़बर है तू मुझसे है बेख़बर लेकिन

बिला सबब ही तेरा इन्तिज़ार रहता है


लिखी है बात कई बार दिल की कागज पर

पढ़ेगा तू भी मुझे इंतज़ार रहता है


उठा के हाथ में इकबार चूम ले बस तू

मेरे खतों को तेरा इंतजार रहता है


उसे है मिलती मुहब्बत जमाने में वैभव

जिसे वफ़ाओं पे ख़ुद इख़्तेयार रहता है।


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