हां आसान कर दिया ::
हां आसान कर दिया ::
ये मुलाकात बस एक बहाना था
तुझसे मिलने को दिल दीवाना था
रुत का कमाल और भी बढ़ गया
सरगोशी का सहारा जो मिल गया,
मिलन का मोती श्रृंगार में जड़ा
झुमके में जड़ा कानों में सजा
गले में सुंदर रूपा हार बन लहरा
पायल की लड़ में उलझा थोड़ा
फिर लड़ियों में अटक के ठहर गया,
मुंदरिया में जड़ा गोल गहरा गहना बना
चुनरी में मुकेश के तारों साथ चमका
इतर के छींटे से काया में कमाल हुआ
तन मन महका मोरा.. रोम रोम खिला,
वैसे तो इन एहसासों को बयां करना मुश्किल था
मगर तेरी मंद मुस्कुराहट ने काम आसां कर दिया
आज की हसीन मुलाकात ने अब....
आगे का दौर आसान कर दिया...
हां आसान कर दिया... हां आसान कर दिया।