ऐ मोहब्बत
ऐ मोहब्बत
रात दिन बांहों में
पिघल जाने दे ...
दिल है यह अधूरा
संभल
जाने दे ...
कह रही प्यार की
डोर सनम ...
बांध ले साँसो में
महक जाने दे ...
रात दिन बांहों में
पिघल जाने दे ...
रु-ब-रु तो मुझे
ठहर जाने दे ...
मन है उलझा
तू मुझको
सुलझ जाने दे ...
रात दिन बांहों में
पिघल जाने दे ...
वक़्त है यह तो
ठहर जाने दे ...
तेरे प्यार में खुद को
रह जाने दे ...
दिल से दिल की धड़कन
सुनती सनम ...
प्यार है अधूरा
संभल जाने दे ...
रातों में ख्वाबों में
साथ आया करो ...
बिन कहे दूरियां
मिटाया करो ...
कहती है यह
आंखें शर्माने दे ...
अनकहे प्यार को
बरस जाने दे ...
रूह से रूह जब
मिलते सनम ...
प्यार को प्यार का नाम
देते सनम ...
जिस्म की गर्माइशयों को
पिघल जाने दे . ..
वक़्त यह अधूरा
संभल जाने दे ...
लफ़्ज़ से लफ़्ज़ को
ठहर जाने दे ...
प्यार के नग्मों को
कह जाने दे ...
दूरियाँ कह रही
पास आजा सनम ..
वक़्त यह अधूरा
ठहर जा सनम ...
रात दिन बांहों में
पिघल जाने दे ....
दिल है यह अधूरा
संभल जाने दे ...