STORYMIRROR

Veena rani Sayal

Romance

4  

Veena rani Sayal

Romance

अकेलापनता उम्र

अकेलापनता उम्र

1 min
253


ता उम्र लग गई  

समेट कर रखने में

पल भर भी न लगा

उसको बिखरने में


समेटने लगूं फिर 

मुमकिन नही है अब

कब सांस थम जाए 

कितने बचे हैं पल 


बिखर गई है जिंदगी

यादों का है भंवर

मझंधार में है कश्ती

नहीं है कुछ खबर


यादों का लेकर कारवां 

जीने की राह पर

हर पल को जी लेंगे

बस तेरा समझ कर


लेकर हंसी लबों पर

पी जायेंगे सारे गम

तन्हाइयों में अब तो

बस आंखें होंगी नम


कैसा है जिंदगी का

यह फलसफा सनम

न जाने अब किस मोड़ पर

हम होंगें संग-‌संग।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance