पहचान तुमसे है....!
पहचान तुमसे है....!
मेरी जिंदगी मेरी है जान तुमसे है
मेरी हर एक सांस तुमसे है
मेरे चेहरे की मुस्कान तुमसे है
मैं अधूरी हूँ तुम्हारे बिना, मेरा सारा संसार तुमसे है
मैं एक टूटा तारा हूँ मेरा पूरा चाँद तुमसे है
तुम हो तो सब कुछ अपना सा लगता है
तुम्हारे बिना सब कुछ सपना सा लगता है
ये नदियाँ, झील, किनारे
ये जमीं, ये आसमां, ये चाँद सितारे
तुम्हारे बिना फीके से लगते हैं ये सभी नज़ारे
मेरी हर एक चांदनी रात तुमसे है
मेरी मुलाक़ात सौगात तुमसे है
हर मेघ में जो बरसात हो वो बरसात बस तुमसे है
मैं एक अधूरी ज़िंदगी हूँ
मेरी ज़िंदगी की पूरी किताब तुमसे है
मेरी रूह, मेरी आत्मा, मेरी हंसी, मेरी ख़ुशी
मेरी सुबह, मेरी ढलती शाम तुमसे है
मेरी दिल की धड़कन, धड़कनों पर लिखा हुआ वो नाम तुमसे है
मेरा हर सपना साकार तुमसे है
मेरे शब्द, शब्दों में कही जाने वाली वो बात तुमसे है
मैं अजनबी बन गयी हूँ ख़ुद से
रूबरू हुई हूँ जिस पहचान से
मेरी वो पहचान बस तुमसे है
बस तुमसे है...!!!!

