शक्ति परिशुद्ध प्रेम की
शक्ति परिशुद्ध प्रेम की
निस्वार्थ भावना से किया गया
परिशुद्ध प्रेम कभी विफल नहीं होता,
वह या तो बनता है आधार
दो प्रेमियों के मिलन का।
यदि नहीं तो उनके अधूरे
प्रेम की शक्ति देती है उन्हें
एक नई दिशा और करती है निर्माण
एक नए और अद्वितीय व्यक्तित्व का।
......... दीपिका कुमारी