नज्म
नज्म
चंद मुलाकातों का हिस्सा है वो
बहुत ही खूबसूरत किस्सा है वो
नज्म-नज्म में बसे थे खूबसूरत
बनके वो अशआर
दिल ने निभायी प्रीत जिससे बेशुमार
हौले-हौले से तेरा यूँ आना जीवन में
खूबसूरत फ़साना बन जाना जीवन में
सीरत में तेरी सादगी, सादगी में सच्चाई
कुछ इस तरह अपना बनाना जीवन में
नज्म की पहली पंक्ति हो तुम
तुमसे मिलती वो शक्ति हो तुम
तुमसे ही जीवन का बहर है
कविताओं में बसी भक्ति हो तुम

