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Ravi Ranjan Goswami

Romance

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Ravi Ranjan Goswami

Romance

मैं बादल बन जाऊं

मैं बादल बन जाऊं

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तुम्हारे लिये मैं ,

बादल बन जाऊं

तपते सूरज को 

मैं बादल सा ढक लूँ

तुम्हें मैं छांव दूँ और 

सारा ताप हर लूँ 

तुम्हारी प्यास बुझाने को 

मैं अमृत बन बरसूं

अपने ऊपर तुम्हें बैठा लूँ ,

दुनिया में घुमाऊँ

तुम्हारे लिये मैं ,

बादल बन जाऊं।



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