ओ बिल्ली
ओ बिल्ली
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ओ बिल्ली ! तुम आँखें बंद किये बैठी हो।
क्या तुम सचमुच सोती हो ?!
मुझे पता है तुम ये नाटक क्यों करती हो ।
बंद आँख से कैसे देखा करती हो ।
कोई पास आता है, तुम भाग जाती हो ।
सबकी नज़र बचाकर रसोई से
सारा दूध पी जाती हो ।
फिर भी तुमको घर आने देते ।
चूहों से तुम हमें बचाती हो।