STORYMIRROR

Ravi Ranjan Goswami

Children Stories

4  

Ravi Ranjan Goswami

Children Stories

छत पर बंदर आया

छत पर बंदर आया

2 mins
239


छत पर बंदर आया

मम्मी छत पर बंदर आया।

छत पर बंदर देख के

पप्पू खूब ज़ोर चिल्लाया ।

मम्मी बोली उसे भगा दे ,

ले जायेगा कपड़े तेरे ,

छत पर जिन्हें सुखाया।

पप्पू बोला रोटी दे दे

बहुत दिनों बाद आया।

रोटी लेकर भाग के पप्पू

जैसे ही छत पर आया ।

उसे देख कर बंदर

डर कर पहले घबराया। 

पप्पू ने रोटी दिखला कर

उसे अपने पास बुलाया ।

बन्दर ने तभी खी खी करके

पप्पू को बहुत डराया ।

पप्पू रोटी फेंक के छत पर

भागकर नीचे आया।

बंदर रोटी लेकर चढ़ा पेड़ पर ,

जो पेड़ नजदीक पाया।  

रोटी खाकर वहाँ सुस्ताया।

पप्पू ने छत पर जाकर

उसे पेड़ की डाल पे

सोता देख पाया ।

उसे यह दृश्य भी खूब भाया।

               

सब बच्चे लगे थे उसके साथ।

वो चला गया था अपने घर से,

कुछ खोजने वाला है उसे पास।


अपने बच्चों को छोड़ कर,

वो निकला था अपने सफ़र पर।

उनकी देखभाल करते हुए,

वो जा रहा था अपने घर को पास।


बंदर को मिली थी खुशियां अनेक,

उसके बच्चों की ख़्वाहिश थी अनेक।

वो खेलते थे हमेशा उसके साथ,

बंदर को मिली थी खुशियां अनेक।


उसे प्यार था अपने बच्चों से,

उनके लिए वो करता था सब कुछ।

उनके हंसी और खेल में,

वो भी खुश रहता था हमेशा बेहिचून।


लेकिन एक दिन बंदर को आई थी बड़ी बिमारी,

उसे छोड़ना पड़ा अपने बच्चों को साथ।

वो रोते थे और दुखी हुए थे,

बंदर को आई थी बड़ी बिमारी।


उसे अपने बच्चों को छोड़कर जाना पड़ा,

वो कहता था इससे बड़ी सज़ा नहीं है।

लेकिन बच्चे रोते रहे उसके पास,

उसे अपने बच्चों को छोड़कर जाना पड़ा।


बंदर ने दिया उन्हें आखिरी सलाम,

उसे आखिरी अलविदा कहना पड़ा।

बच्चे रोते रहे उसके पास,

बंदर ने दिया उन्हें आखिरी सलाम।


बंदर की यादों को बचाने के लिए,

बच्चे ने लिखी थी ये कविता।

उनके बंदर की मोहब्बत के लिए,

उनके बंदर को ये कविता।


बंदर था वो हमारा प्यारा सा दोस्त,

उसकी ख़ूबसूरत यादें हमेशा रहेंगी।

उसकी यादों को सदा याद रखेंगे हम,

बंदर था वो हमारा प्यारा सा दोस्त।



Rate this content
Log in