क्योंकि पापा उसे डाँट दिया करते थे। क्योंकि पापा उसे डाँट दिया करते थे।
प्रकृति से छेड़छाड़ अब कर दो बंद तभी जीवन होगा सुखद व स्वस्थ। प्रकृति से छेड़छाड़ अब कर दो बंद तभी जीवन होगा सुखद व स्वस्थ।
कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ। कितना भी बड़ा हो जाऊं पर मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।
उसूल अब कोई मायने नहीं रखते भारी जेब अब इंसाफ होते हैं। उसूल अब कोई मायने नहीं रखते भारी जेब अब इंसाफ होते हैं।
एक के बदले सौ काटूंगा, या अपना शीश कटा दूंगा। एक के बदले सौ काटूंगा, या अपना शीश कटा दूंगा।
चादर लाए या मच्छरदानी, एक वही मेरे पति का बटुआ, चादर लाए या मच्छरदानी, एक वही मेरे पति का बटुआ,