पति का बटुआ
पति का बटुआ
एक वही मेरे पति का बटुआ,
हर मुश्किल का एक सहारा,
ज़रुरती सभी लहरों का किनारा,
धूप-छांव की आंख-मिचौली,
राहत देता एक बहारा,
एक वही मेरे पति का बटुआ
दूध लाऊं या लाऊं पानी,
हर घर की तो यही कहानी,
आटा,चावल, मिर्च- मसाला,
चादर लाए या मच्छरदानी,
एक वही मेरे पति का बटुआ,
बच्चों के किताब और कपड़े,
रिस्तेदारों के सारे नखरे,
मांग का सिंदूर,माथे की बिंदिया,
उसके बिन हाय कैसे संवरे,
एक वही मेरे पति का बटुआ,
एक वही मेरे पति का बटुआ।