Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Hariom Kumar

Romance

2  

Hariom Kumar

Romance

अमानत

अमानत

1 min
157


नहीं मालूम है तुमको, तुम कितनी खुबसूरत हो,

कि मानो या ना मानो तुम, सनम मेरी जरूरत हो,


इक खिलती कली हो तुम,पुनम की चांदनी हो,

बहारों में पली हो तुम महकती रागिनी हो,


तुम इक सजती सुबह हो, सुहानी शाम हो तुम,

है गुंजीत जिस से ये जीवन, मधुर पयाम हो तुम,


है सच तुम फूल हो नाजुक मगर मेरे दिल की चाहत हो,

करो विश्वास जो मेरा, सनम मेरी अमानत हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance