याद रखना
याद रखना
रखना दिल मे नहीं बेरुख़ी तू कभी!
मुझसे होना नहीं है जुदा तू कभी
रोज़ तुझको दुआ में ख़ुदा से मांगा
प्यार की आरजू थी यही हर घड़ी
मुझसे करना नहीं फ़ासिला तू कभी
दिल दुखेगा वरना सोचकर रात दिन
तू करेगा नहीं बात जो प्यार की
दिल में मत रखना नाराज़गी तू कभी
जिंदगी की बनी आरजू तू मेरी
कह रही है मुहब्बत मुझसे अब यही
जिंदगी भर बनकर तू रहना आशिक़ी
ए सनम दूर जाना नहीं तू कभी
माना अपना तुझे उम्रभर के लिए
साथ मत छोड़ना तू कभी भी मेरा
आज़म क़ी आशिक़ी तू ख़ुशी है मेरी
आँखों में ही मत देना नमी तू कभी।
आज़म नैय्यर