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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

Romance

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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

Romance

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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फिराक में तेरे लगता है कि घर खाली है।

करूं इजहार तो जज्बात की पामाली है।


तुझको दुनिया की निगाहों से बचा कर रख लूं।

तुम चले आओ मेरे दिल का मकां खाली है।


तेरी आंखो में शरारत है तू महबूबा है।

मेरी हमदम मेरी हमराज़ मेरी घरवाली है।


मुद्दतों दिल को संभाला है सगीर उसके लिए।

तब कहीं जाके मुहब्बत की नज़र डाली है।



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