हो जीवन उद्घार प्रिये !
हो जीवन उद्घार प्रिये !
हाथों में हाथ तुम्हारा हो तो हो जीवन उद्धारप्रिये....
चलने का साथ इरादा हो तो हो जीवन उद्धार प्रिये,
मन मंदिर में मूरत तेरी आँखों में तेरी सूरत है प्रिये,
प्रतिदिन प्रतिपल मेरे होठों पर तेरा ही है बस नाम प्रिये,
हाथों में हाथ तुम्हारा हो तो हो जीवन उद्धार प्रिये....
हो न जग में रुसवाई तेरी रखती हूँ अपने होंठ सिये,
लग जाये नज़र न दुनिया की फिरती हूँ तेरी तस्वीर लिये,
हाथों में हाथ तुम्हारा हो तो हो जीवन उद्धार प्रिये....
दिल में सँजोये रखती हूँ अनमोल वो पल जो साथ जिये,
दुनिया से छिपाये रखे हैं उपहार मुझे जो तुमने दिये,
हाथों में हाथ तुम्हारा हो तो हो जीवन उद्धार प्रिये....
एक तेरी मोहब्बत में लोगों के बोलों के कड़वे घूँट पिये,
एक दिन तो जग अपनायेगा आशा के जलाये रखे दिये,
हाथों में हाथ तुम्हारा हो तो हो जीवन उद्धार प्रिये....
बस साथ देना अंतिम क्षण तक हर हाल में मेरा तुम हे प्रिये,
दामन न देना छोड़ मेरा मझधार में बस यही आस प्रिये....
हाथों में हाथ तुम्हारा हो तो हो जीवन उद्धार प्रिये....