लाल बत्ती वाला लड़का
लाल बत्ती वाला लड़का
देखा तो जरूर होगा आपने मुझे,
कई बार,कई बार ना सिर्फ देखा ही,
बल्कि दुत्कार भी लगाई होगी,
मुमकिन है, कुछ एक बार,
मेरी भोली सुरत या चेहरे पर सुखे आंसुओं,
को देखकर दया भी आई होगी आपको,
और आपने की होगी मेरी सहायता,
अपने जेब से कुछ चिल्लर निकाल कर,
हां, मै वही हूं, वही बदनसीब लड़का,
वो जो इसी इंतजार में खड़ा रहता है ,
सड़क पर, चाहे गर्मी हो, सरद या बरसात,
कि कब वो बत्ती लाल होगी,
और सड़क पर सरपट दौड़ती गाड़ियां,
रूक जाएं
गी कुछ क्षणों के लिए,
और मैं दौड़ पड़ूंगा, गाड़ियां दर गाड़ियों,
के शीशे खटखटाने, और हाथ फैलाने,
खाने जी भर के दुत्कार,और शायद,
नसीब में हुआ तो मिल जाएंगे कुछ,
चिल्लर भी, कुछ भरपुर ज्ञान भी,
कि भीख मांगना पाप है, जूर्म है,
पर मैं मजबूर हूं, यही करने को,
यही करता आया हूं और यही करुंगा,
क्योंकि और कोई अन्य विकल्प,
लेकर नहीं आया है कोई मेरे लिए,
और मुझ जैसे, लाखों के लिए,
लाल बत्ती हो गई है,
और फिर दौड़ लगानी है मुझे।