हम तो ख्वाबों में ताज बनाते हैं
हम तो ख्वाबों में ताज बनाते हैं
जब भी फुर्सत मिले हम तो लिखते हैं
प्यार उल्फत ही यारो हम लिखते हैं
बेखौफ हम तो यारो लिखते हैं
नही इश्क हुस्न के नगमें लिखते हैं
हाल ए दिल ही यारो हम तो लिखते हैं
उल्फत के क्षण ही हम तो लिखते हैं
फुर्सत के क्षण हम तो लिखते हैं
प्यार की दौलत ही हम लुटाते हैं
जब भी फुर्सत मिले हम तो लिखते हैं ॥
हम तो ख्वाबों की दुनियाँ में रहते हैं
ख्वाबों में ही ताज बनाते हैं
देख लो ध्यान से मुझको दोस्तों
आज भी मुमताज ढूँढ़ते रहते हैं
दोस्त हो तुम मेरे बस इतना करो
हो पता तो मुमताज का भेज दो
हम तो ख्वाबों की दुनियाँ में जीते हैं
जब भी फुर्सत मिले हम तो लिखते हैं॥
हम तो चाँद पर ही घर बनाते हैं
संग तारों के संग हम बिताते हैं
हम तो उल्फत की दुनियाँ में रहते हैं
संग परियों के हम गुण गुनाते हैं
प्यार की दौलत हम तो लुटाते हैं
" लक्ष्य" नफरतों की दीवारे गिराते हैं
हम तो ख्वाबों में ताज सजाते हैं
जब भी फुर्सत मिले हम तो लिखते हैं ॥