तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
छोड़ बैठा हूं जमाने को सिर्फ तुम्हारे लिए,
एक बार तो हां कर दो सिर्फ हमारे लिए।
खाई हैं दर-दर की ठोकरें पाने को तुमको,
मत ढ़ाओ इतने सितम कसम है तुमको।
जिए जा रहा हूं तेरी यादों के सहारे,
तुम ही मेरी मंजिल हो प्राणों से प्यारे।
चाहता हूं अपना बना लूँ सदा के लिए।।
क्या तुम्हें मैंने कभी ह्रदय से लगाया नहीं,
क्या मुझ दीन की दशा ने तुम्हें कभी रुलाया नहीं।
हर ख्वाहिश तुम्हारी पूरी करूंगा है यह वायदा,
मगर अब तलक समझ न सका क्या है तुम्हारा इरादा।
फिर भी एक दिन तुमको बुलाऊँगा अपने लिए।।
किसको अपने दिल का हाल बयां मैं करूं,
आह का किसके दिल पर असर मैं करूं।
किसका दिल है कि जिस दिल में घर मैं करूं,
अश्रु छलक रहे किसके नजर मैं करूं।
आखरी बार इजहार "नीरज" करता सिर्फ तुम्हारे लिए।।