दरिया सा जीवन
दरिया सा जीवन
दरिया यूँ ही बहता रहेगा
तेरे मेरे प्यार के तरानों का
कभी ख़ुशी तो कभी ग़म में
ज़िन्दगी देती मौक़ा साथ बिताने का
समुंदर भी कम पड़ जायेगा
सुनकर गीत तेरे मेरे फ़सानों का
हँस कर परेशानी भी लौट जाए
देख अदभुत प्रेम दीवानों का
हम खुली आँखों से ख़्वाब देखते
न करते इंतज़ार पलकें बंद होने का
कभी दूर जाने से पहले
विचलित मन तुम्हारे पास न हो पाने का
हर पल को यूँ खुलकर जियो
कि हर स्वप्न पूरा हो दिल के कोने का
ज़िन्दगी बड़ी नहीं,ख़ुशनुमा रखें
ताकि डर न हो किसी को खोने का।
