माँ तुम नदी सी
माँ तुम नदी सी
माँ तुम नदीं सी प्रतीत होती ,
सदैव चरैवेति चरैवेति का
सन्देश देती ......
माँ तुम नदी सी प्रतीत होती
पारदर्शिता का पाठ
बाँचती ..............
माँ तुम नदी सी प्रतीत होती
लोकमाता नदी सम
कर्तव्य निभाती ....
अपनी संतान को ..
स्नेह एवं आशीष देती ..
माँ तुम नदी सी प्रतीत होती
अपने भीतर समेट लेती
सारी कठोरता ....
यहाँ तक की अपने ..
आसपास के पत्थरों को
भी करुणा जल से सींच देती
करती उनका रूपांतरण
उन कठोर पत्थरों को
ममता की शीतलता से
कोमलता करती प्रदान
माँ तुम नदी सी महान।