मैं हूँ एक लड़की
मैं हूँ एक लड़की
सुंदर दिखती है तो शंका की दृष्टि से देखते हैं
सुंदर नहीं दिखती है तो अवहेलना करते हैं
मिल-जुलकर रहने से हो हल्ला मचाते हैं
चुप्पी साधने से गूँगी का ख़िताब देते हैं
पढ़ाई करने से पढ़ाई क्या ज़रूरत कहते हैं
पढ़ाई न करने से गधे से तुलना करते हैं
हँसने से कहते हैं बिना संदर्भ के मत हँसो
हँसना छोड़ कर रोने से रोनी सूरत है कहते हैं
बिना काम घर पर रहे ग़ुलामी सहनी पड़ती है
काम से बाहर गए तो बदचलन घुम्मकड कहते
दहेज लेकर आए तो और उसकी माँग करते हैं
दहेज लेकर नहीं आए तो नौकरानी बना देते हैं
दुनिया से दावा करते हैं लड़की तो देवी होती है
घर में लड़की के जन्म से उदास हो जाते हैं
क्या कहूँ किससे कहूँ कब कहूँ कैसे कहूँ
मैं एक लड़की यही है मेरी पहचान दुनिया में।
