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Ranjana Sinha

Action

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Ranjana Sinha

Action

बुझनी नहीं चाहिए

बुझनी नहीं चाहिए

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दिल में लगी जो आग है बुझनी नहीं वो चाहिए

बदलाव की उम्मीद भी मिटनी नहीं अब चाहिए


देखें नक़ाब अन-गिनत अब असलियत दिखलायेंगे

अभिमान जिस शोहरत का वो बुनियाद तक हिल जाएंगे


हो कौन तुम अस्तित्व क्या हम ज़लज़ला सैलाब हैं

कैसे करोगे चुप हमें हम मौत की आवाज़ हैं


सोया है जो वर्षों से वो तूफ़ान सा उठ जाएगा

और पाप का ये गढ़ भी अब बस तिनके से ढह जाएगा


दिल में लगी जो आग है बुझनी नहीं वो चाहिए

बदलाव की उम्मीद भी मिटनी नहीं अब चाहिए।


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