STORYMIRROR

Ranjana Sinha

Romance

4  

Ranjana Sinha

Romance

तुम नहीं तो कुछ भी नहीं

तुम नहीं तो कुछ भी नहीं

1 min
40

आज तुम नहीं... तो कुछ भी नहीं...

ना है खुशी... गम भी नहीं...


तुम थे कभी... तब थी चांदिनी... 

झगड़ों में भी... थी एक ज़िन्दगी...


आज तुम नहीं... तो ना है ख्वाहिशें...

ना उम्मीद कोई... ना कोई रंजिशें...


बिन तेरे... ना जन्नत कहीं...

महलों में भी... है रौनक नहीं...


आ भी जाओ.. पास में...

खिल उठुंगी... इस एहसास में...


बिन तेरे... करना कोई सफर नहीं...

मंज़िल को भी... पाने की ख़ुशी नहीं...


तुम नहीं... तो कुछ भी नहीं...

ना दर्द कोई... ना एहसास कही!


ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ

Similar hindi poem from Romance