"किसान"
"किसान"
1 min
236
किसान खड़े सड़को पे,
लिये मन में आस,
मोदी जी सुनेंगे,
हमारी भी अरदास,
सड़को को बना लिया,
घर, खेत, खलियान,
भूखे-प्यासे पड़े हैं,
रस्ते करके जाम,
जूँ तो रेंगेगी,
किसी के कान पे जाये,
कोई तो सुनेगा,
हमारें मन की बात,
भविष्य पे ख़तरा मंडरा रहा,
डूबे कल और आज,
खेत - खलियान छोड़े पड़े,
चौपट हो गया काज़,
आँधी, धूप, बरसात में,
जो किसान न रोपे धान,
भूखे मरो तुम आज भी,
आने वाली पीढ़ियाँ बर्बाद,
किसान की पीड़ा घनी,
तुम भी जान लो ये आज,
आधे - पेट भूखा रहें,
फ़िर भी करता काज़,
कोई भूखा न रहें,
मन में करें विचार,
रात - दिन रखवाली करें,
"शकुन" बोए फ़सल अपार।