पन्ना धाय मां
पन्ना धाय मां
बताइए पन्ना मावड़ली, कटे थारो लाल ।
लाल मारो कुर्बानी देगो देश के लिए ,
उदयसिंह मेरो लाल रे ,बनवीर मेरो काळ रे।
कैसे तेरी तलवार चली रे , मावड़ली रे हिदय पर।
कैसे तेरी तलवार चली रे , मावड़ली रे हिदय पर।
कुण तने सिखाई रे तलवार चलानी
मारे चंदन रे कलेजा पर ,तू बनवीर ।
युद्ध थाकां युद्ध करो युद्ध थाकां युद्ध करो
चंदन कहां करियो रे, बैठो मारो कुर्बानी देगो
उदय सिंह बणयो रे
किणे सुनावे बा मावड़ली दुखड़ला री बात रे ,
किणे सुनावे बा मावड़ली दुखड़ला री बात रे
कुंभलगढ़ में बैठी बैठी रोए सारी रात रे ,
राजा बणयो उदय सिंह प्रताप का जन्म हुआ है
आंसूआ की लाज घणी राखी रे वहा रे प्रताप रे।