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Dharm Veer Raika

Classics

4.8  

Dharm Veer Raika

Classics

पन्ना धाय मां

पन्ना धाय मां

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बताइए पन्ना मावड़ली, कटे थारो लाल ।

लाल मारो कुर्बानी देगो देश के लिए ,

उदयसिंह मेरो लाल रे ,बनवीर मेरो काळ रे।

कैसे तेरी तलवार चली रे , मावड़ली रे हिदय पर।

कैसे तेरी तलवार चली रे , मावड़ली रे हिदय पर।

कुण तने सिखाई रे तलवार चलानी 

मारे चंदन रे कलेजा पर ,तू बनवीर ।

युद्ध थाकां युद्ध करो युद्ध थाकां युद्ध करो 

चंदन कहां करियो रे, बैठो मारो कुर्बानी देगो

उदय सिंह बणयो रे

किणे सुनावे बा मावड़ली दुखड़ला री बात रे ,

किणे सुनावे बा मावड़ली दुखड़ला री बात रे 

कुंभलगढ़ में बैठी बैठी रोए सारी रात रे ,

राजा बणयो उदय सिंह प्रताप का जन्म हुआ है

आंसूआ की लाज घणी राखी रे वहा रे प्रताप रे।



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