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Dharm Veer Raika

Romance

4  

Dharm Veer Raika

Romance

बोल सुकून...

बोल सुकून...

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आसमां से फरिश्ते भेजे ,

सुन तेरी ख्वाहिश को ,

सागर से जल लाया ,

देख तुझे प्यासी को ,

संगी का संगीत लाया ,

देख तुझे अकेली को ,

रात की लोरी सीखी ,

नींद नहीं आई तुझको ,

पोंछने का सीखा हुनर ,

सजल नेत्र देख तुझको ,

ग़मों को पढ़ना सीखा ,

अजीब थे गम तुझको ,

दवाइयों को पढ़ना सीखा ,

देख तेरी अजीब बीमारी को ,

मैंने वो चीजे टाल दी ,

जो पसंद नहीं तुझको ,

शहर में बस गया मैं भी ,

गांव में परेशान देख तुझको ,

पढ़ाई की मैंने रात दिन ,

सपने मेरे थे पा तुझको ,

संगी साथी छोड़े मैंने ,

घर छोड़कर आई देख तुझको, 

कमाता नहीं फ़िर भी सीख लिया ,

तेरे सजने का खर्चा देख औरों को ,

मरहम के घाव भरना सीखा ,

दर्द में कराहना देख तुझको ,

बोले तो बोल दिल को सुकून मिले।।



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