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Tanha Shayar Hu Yash

Romance

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Tanha Shayar Hu Yash

Romance

ग़ज़ल हो तुम

ग़ज़ल हो तुम

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ग़ज़ल हो तुम मेरी ज़िंदगी की

आँखों का नूर, लबों की हंसी सी।

जिसे हर दिल चाहे ऐसी मेहरम

मन्नत की चाहत, मन्न की ख़ुशी सी।

ग़ज़ल हो तुम मेरी ज़िंदगी की


देखकर जिसको कभी भूले ना

साथ रहे हमेशा, हवा में खुशबू सी।

जिसके कदम चले धड़कनो से

आवाज़ में कोयल, आँखें शबनमी सी।

ग़ज़ल हो तुम मेरी ज़िंदगी की


शर्माएं ऐसे जैसे चाँद पर पर्दा बादलों का

माथे पर तेज़, कंठ में बात अनकही सी।

जिसकी दीवानगी की हद ही न हो

गलों से ख़ुशी सी, ज़िंदगी में सादगी सी।

ग़ज़ल हो तुम मेरी ज़िंदगी की


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