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Bhawana Raizada

Romance

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Bhawana Raizada

Romance

आंखें तुम्हारी

आंखें तुम्हारी

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आंखें तुम्हारी बोल रही हैं,

एक अजब सी बोली।


शर्मा के बुला रही हैं,

मुझको अपनी खोली।


इनकी अदा मद मस्त कर दे,

बन जा तू मेरी हमजोली।


बन्द कर दिल का चैन लेलें,

तेरे ये दो नैनन की टोली।


सुबह शाम तेरे दो नैना,

सागर नदिया और मोती।


सांझ ढले इनमें डूबे हम,

जैसे रंग बरसाती होली।


काजल की धार लगे,

अमावस की रंगोली।


तिरछी निगाहें अदाएं इनकी,

जैसे बात नयी पिरोली।


आंखें तुम्हारी बोल रही हैं,

एक अजब सी बोली।


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