STORYMIRROR

Anita Sudhir

Romance

4  

Anita Sudhir

Romance

तुम बिन

तुम बिन

1 min
143

तुम बिन मिथ्या है संसार,कहाँ छोड़ गए मँझधार

आकर रंग भरो हजार, तुम मेरे जीवन आधार


तुम बिन सूनी है डगर

तुम बिन जैसे जल बिन कमल

आओ ले कर बसंत बहार

तुम मेरे जीवन आधार

तुम बिन मिथ्या


तुम बिन नहीँ चैन औ अमन

तुम बिन जैसे तारे बिन गगन

आकर पूर्ण करो आकार

तुम मेरे जीवन आधार

तुम बिन मिथ्या


तुम बिन जैसे चाँद बिन रजनी

ऐसे व्याकुल तेरी सजनी 

आकर तृप्त करो अपार

तुम मेरे जीवन आधार 


तुम बिन मिथ्या है संसार,कहाँ छोड़ गये मझधार

आकर रँग भरो हजार, तुम मेरे जीवन आधार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance