तुम बिन
तुम बिन
तुम बिन मिथ्या है संसार,कहाँ छोड़ गए मँझधार
आकर रंग भरो हजार, तुम मेरे जीवन आधार
तुम बिन सूनी है डगर
तुम बिन जैसे जल बिन कमल
आओ ले कर बसंत बहार
तुम मेरे जीवन आधार
तुम बिन मिथ्या
तुम बिन नहीँ चैन औ अमन
तुम बिन जैसे तारे बिन गगन
आकर पूर्ण करो आकार
तुम मेरे जीवन आधार
तुम बिन मिथ्या
तुम बिन जैसे चाँद बिन रजनी
ऐसे व्याकुल तेरी सजनी
आकर तृप्त करो अपार
तुम मेरे जीवन आधार
तुम बिन मिथ्या है संसार,कहाँ छोड़ गये मझधार
आकर रँग भरो हजार, तुम मेरे जीवन आधार।

